सच्चे जैन के लक्षण
प्रिये दोस्तों ,आज हम आपको जैनो के लक्षण से अवगत करेंगे की एक जैन जिसके अंदर क्या गुण होने चाहिए जिससे हम उसको अपना आदर्श मान सके और वह एक जैन समाज के सामने एक उदहारण हो अर्थात उसके अंदर वो गुण होने चाहिए जिससे लोग कहे की देखो वो जा रहा एक सच्चा जैन और जब वो इस दुनिया से विदा हो तो साडी दुनिया रोये और कहे की देखो वो एक अच्छा और सच्चा जैन था जिसे दुनिया याद रखे तो आइये हम भी उन लक्षण को पढ़ते है और उनको ग्रहण करने की कोशिश करते है /
१ जो सकल विश्व की शांति चाहता है ,
सबको प्रेम और स्नेह की आँखों से देखता है ,
यही सच्चा जैन है !
* * * * * *
२ जो शांति का मधुर संगीत सुना कर ,
सबको ज्ञान का प्रकाश दिखलाता है ,
कर्तव्य -वीरता का डंका बजाकर ,
प्रेम की सुगंध फैलता है ,
ज्ञान और मोह की निद्रा से सबको बचाता है ,
वाही सच्चा जैन है !
* * * * * *
३ ज्ञान चेतना की गंगा बहाने वाला ,
मधुरता की जीवित मूर्ति ,
कर्तव्य क्षेत्र का अविचल वीर योद्धा ,
वाही सच्चा जैन है !
* * * * * *
४ जैन का अर्थ "अजेय",
जो मन और इन्द्रियों के विकारो को जीतने वाला ,
आत्म विजय की दशा में सतत सतर्क रहने वाला ,
वाही सच्चा जैन है !
* * * * * *
आत्मा को जितना कसा जाये , उतना ही जैनत्व का विकास ,
जैन कोई जाति नहीं , धर्म है ,
किसी भी देश ,पंथ और जाति का ,
कोई भी आत्म विजय के पथ का यात्री ,
वाही सच्चा जैन है !
* * * * * *
६ जैन बहुत थोड़ा,परन्तु मधुर बोलता है ,
मनो झरता हुआ अमृतरस हो !
उसकी मधुर वाणी ,कठोर ह्रदय को भी ,
पिघला कर मक्खन बना देती है ,
जैन के जहाँ भी पैर पड़े ,वहीं कल्याण फ़ैल जाये ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
७ जैन का समागम ,
जैन का सहचर ,
सबको अपूर्व शांति देता है ,
इसके गुलाबी हश्य के फूल ,
मानव जीवन को सुगन्धित बना देते है ,
उसकी सब प्रवत्तिया ,
जीवन में रास और आनंद भरने वाली है ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
८ जैन गहरा है ,अत्यंत गहरा है ,
वह छलकने वाला नहीं ,
उसके ह्रदय की गहराई में ,
शक्ति और शांति का अक्षय भंडार है ,
धैर्य और शौर्य का प्रबल प्रवाह है ,
श्रद्धा और भक्ति की मधुर झंकार है ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
९ धन वैभव से जैन को कौन खरीद सकता है ?
धमकियों से उसे कौन डरा सकता है ?
और खुशामद से भी कौन जीत सकता है ?
कोई नहीं ,कोई नहीं !
सिद्धांत के लिए काम पड़े तो वह पल भर में ,
स्वर्ग के साम्राज्य को भी ठोकर मार सकता है ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
१० जैन के त्याग में ,दिव्य जीवन की सुगंध है !
आत्म कल्याण और विश्व कल्याण का विलक्षण मेल है !
जैन की शक्ति ,संघार के लिए नहीं ,
वह तो अशक्तों को शक्ति देती है ,
शुभ की स्थापना करती है ,
और अशुभ का नाश करती है !
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
११ सच्चा जैन पवित्रता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ,
मृत्यु को भी सहर्ष सानंद निमंत्रण देता है ,
जैन जीता है ,आत्मा के पूर्ण वैभव में ,
और मरता भी पूर्ण वैभव में ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
१२ जैन की गरीबी में संतोष की छाया है ,
जैन की अमीरी में गरीबो का हिस्सा है ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
१३ जैन आत्म श्रद्धा की नौका पे चढ़ कर ,
निर्भय और निर्दन्द भाव से जीवन यात्रा करता है ,
विवेक के उज्जवल झंडे के नीचे ,
अपने व्यक्तिव को चमकाता है !
राग और द्वेष से रहित ,वासनाओ का विजेता ,
"अरिहंत" उसका उपास्य है
हिमगिरि के समान अचल अवं अडिंग है ,
दुनिया के प्रवाह में स्वम न बहकर,
दुनिया को ही अपनी और आकृष्ट करता है !
वहीं सच्चा जैन !
* * * * * *
१४ जो मानव संसार को अपने उज्जवल चरित्र से प्रभावित करता है ,
अतएव एक दिन देव गण भी ,
सच्चे जैन की चरण सेवा में ,
सादर सभाक्ति मस्तक झुका देते है ,
वहीं सच्चा जैन है !
* * * * * *
१५ जैन बनना साधक के लिए ,
परम सौभाग्य की बात है !
जैनत्व का विकास करना ,
इसी में मानव जीवन का परम कल्याण है !
* * * * * *
इस प्रकार अपने पढ़ा और जाना की सच्चा जैन कौन हो सकता है और कैसे बना जाये / जैन धर्म के सिद्धांतो में जो दृंढ विश्वाश रखता है और उनके अनुसार आचरण करता है , वहीं सच्चा जैन है /जैन का जीवन किस प्रकार आदर्श होना चाहिए यह तो अपने पढ़ ही लिया और आप भी इसको अपने जीवन में उतारने की कोशिश करो हम आपको जैन धर्म से जुडी और भी जानकारी देते हम देते रहेंगे और आप भी हमारा साथ देते रहे !
धन्यवाद
जय जिनेद्र
0 comments:
Post a Comment